तरीके
(इनमे से जो जो चाहो वो करो,
सारे करो तो और ज़्यादा फ़ायदा होगा)
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1. जब अपनी दुकान या ऑफिस जाएं. तो सबसे पहले जाते ही सलाम करें,
चाहे कोई वहां हो या न हो, फिर कोई भी दूसरा काम किये बिना,
सीधे उस जगह जाकर बैठ जाएं जहाँ से आप काम करते हैं,
वहां बैठ कर, ३ बार दरूद शरीफ पढ़िए,
१ बार सूरह इखलास (कुल हु वल्लाह) पढ़िए,
फिर ७ बार ये दुआ पढ़िए, (अल्ला हुम्मा सह हिल अलयना अब्वाबा रिज़्क़ीक़ा) रोज़ ऐसा करें.
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2. फज़र की नमाज़ के लिए उठें, २ सुन्नत और
२ फ़र्ज़ के बीच में ये वज़ीफ़ा पढ़ें (सुब्हान अल्लाहे वबे हम्देहि,
सुब्हान अल्लाहिल अज़ीमी वबे हम्दिहि अस्तग फि रुल्लाह)
एक सहाबी हज़रात मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम) के पास गए,
और फ़रमाया के में बहुत गरीब हूँ, इस पर आपने ये वज़ीफ़ा बताया,
कुछ दिन बाद वो सहाबी आए और आपको बताया के अब इतना
माल मेरे पास हो गया के संभाल कर रखना मुश्किल है.
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3. क़ुरान की सूरह (सूरह वाक़िया) मग़रिब के बाद पढ़ने से कभी फाका न
होगा.
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4. जो इंसान अल्लाह से अस्तगफार करता रहता है, उसको अल्लाह ऐसी जगह से रोज़ी देता है,
जहाँ से उसको गुमान भी नहीं होता. इसका बेहतर तरीका ये हो सकता है
के कम से कम रोज़ एक तस्बीह इसकी पढ़ लें (अस्तग फि रुल्ला
हल लज़ी लाइ इलाहा इल्ला हुवल हय्युल क़य्यूम व अतूबु इलय्ह)
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5. जब भी घर में दाखिल हो या घर से बहार निकलो सलाम करो.
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6. घर में बरकत के लिए इन कामो से बचिए, टूटी कंघे से बाल जमाना,
टूटे बर्तन में खाना पीना, घर में साफ़ सफाई न रखना, खाने-पीने के सामन का अदब न करना.
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7. नमाज़ की पाबन्दी करो
(नमाज़ तो हर हाल में ज़रूरी है)