EPISODE-11 l PRISONERS OF THE BATTLE OF BADR

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जंग-ए-बदर में फतह के बाद आप मुहम्मद ﷺमदीना तशरीफ़ लाये. लगभग 70 क़ुरैश के लोगो को बंधक बनाया गया जिनमे क़ुरैश के रसूखदार सरदार भी शामिल थे, इनमे से बहुत से लोगो को फ़िदया लेकर छोड़ दिया गया और जो इस काबिल ना थे लेकिन पढ़े लिखे थे, उनको ताक़ीद की गयी की वह मुसलमानो को पढ़ना लिखना सिखाये, इसी को ही फ़िदया मान लिया जायेगा. जंग-ए-बदर में मिली हार से क़ुरैश तिलमिला रहे थे और बदला लेने का मंसूबा बना रहे थे हिन्द बिन्त उमैय्यह ने भरी महफ़िल में कहा की अगर मुहम्मदﷺ से बदला न लिया तो सभी औरते मरदो का बायकाट करेंगी उधर वहअशी इब्न हर्ब के मालिक ज़ुबैर इब्न मुतईम ने कहा की चूंकि वहअशी को नेजा चलाने में महारत हासिल है तो अगर वह हमजा इब्न अब्दुल मुत्तलिब को क़त्ल कर देगा तो वह उसे आजाद कर देगा. सफ़वान इब्न उमैय्यह जंग ए बदर में हुए अपने बाप और भाई का बदला लेने के लिए बेकरार हुआ जा रहा था उसने अपने रिश्तेदार और दोस्त उमैर इब्न वहाब को मुहम्मदﷺ के क़त्ल के लिए तैयार किया और बदले में उसके खानदान की देखभाल का पूरा ज़िम्मा लिया. उमैर इब्न वहाब इसके लिए तैयार हो गया और क़त्ल के इरादे से मदीना पहुंचा लेकिन आप मुहम्मदﷺ को इसका इल्म पहले से ही था जब आपने उमैर इब्न वहाब को उसके इरादे से रूबरू कराया तो वह फ़ौरन ईमान ले आया, उधर हिन्द बिन्त अबू उमैय्यह ने मक्का के मर्दो को ताक़ीद की कि अगर उनके खानदान और जंग का बदला न लिया गया तो सभी औरते, मर्दो से रिश्ता न रखेंगी. आगे देखे

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