EPISODE-14 l THE FIRST PILGRIMAGE

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हुदैबियह के करार के मुताल्लिक़ कोई भी क़ुरैश का शख्स जो वालिदैन की इजाज़त के बगैर मुहम्मद ﷺ की इताअत करता है उसे बिना शर्त वापिस भेजना होगा. जबकि इसके उलट अगर कोई भी शख्स मुस्लिम से क़ुरैश की तरफ जाता है उसे किसी की इजाज़त की जरूरत न होगी उमर रजि अन्हा ने इस फैसले पर ऐतराज दिखाया मगर बाद में एहसास हुआ की वह गलती पर हैं और रसूल अल्लाह ﷺ से इसके लिए माफ़ी मांगी. इससे क़ुरैश बहुत खुश हुए सोचा के अब कोई भी मुहम्मद ﷺ की तरफ वापिस न जा सकेगा.क़ुरैश में करार को लेकर एक तरह से जश्न का माहौल बरपा था. और इसका सेहरा सुहैल इब्न अम्र के सर पर बांधा गया. हांलाकि यह ख़ुशी ज्यादा दिन के लिए न थी. अबू नसीर ने फैसला किया की यह मुआइदाह नबी ﷺ और क़ुरैश के दरमयान में है इसी वास्ते न वह अब मक्का की तरफ रवाना होंगे न मदीना रुजू करेंगे और कहीं और अपना मुक़ाम बनाएंगे जब तक यह मुआइदाह ख़तम नहीं हो जाता. उनका बाकि लोगो ने भी साथ दिया. बाद में कुछ ऐसा हुआ की क़ुरैश को यह करार तोड़ना पढ़ा.मुहम्मदﷺ का फरमान दुनिया के हर कोने में पहुँचने लगा, आपके नुमाइंदो ने मुख्तलिफ वक़्त में आपका पैगाम सीरिया, यमन, रोम, और हबशा जैसे मुल्को तक पहुंचा दिया कुछ ने इन्हे तस्लीम किया और कुछ ने इंकार कर दिया रोम के बादशाह हर्कुलस ने अपने लोगो को भेजकर मक्का से तिजारत के लिए आये लोगो में से उनके सरदार को तलब किया. अबू सुफियान जो की कबीले के सरदार थे हर्कुलस के महल में दाखिल हुए. उसने अबू सुफियान से चंद सवाल किये जिनका उन्होंने माक़ूल जवाब दिया. उधर जैसा क़रार हुआ था साल पूरा होने पर मदीना से आप नबी मुहम्मदﷺ अपने सहाबाओ को साथ काबे की जियारत के लिए तशरीफ़ लाये. आगे देखे

5 COMMENTS

  1. Please upload all the episodes of Umar series..
    Islamic Pedia doing well.
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